Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2023 · 1 min read

ऋतु बसन्त आने पर

खिल उठते हैं चेहरे, ऋतु बसन्त आने पर।
जैसे महकती हैं हवाएं, फूलों के खिलने पर।।
खिल उठते हैं चेहरे——————-।।

पीले रंगों के नजारें, जमीं पर दिखते हैं।
हर बदन पर वस्त्र पीले, हमको दिखते हैं।।
झूम उठते हैं कदम, ऋतु बसन्त आने पर।
जैसे नाचती है हवाएं, फूलों के खिल जाने पर।।
खिल उठते हैं चेहरे——————-।।

पीले सरसों के फूलों से, दुल्हन बनती है धरती।
ऐसा ही रूप- श्रृंगार, इस दिन नारी भी करती।।
बज उठता है संगीत, ऋतु बसन्त आने पर।
जैसे गाती हैं हवाएं, फूलों के खिल जाने पर।।
खिल उठते हैं चेहरे——————-।।

ऋतुओं का राजा भी, कहलाती है ऋतु बसन्त।
नया जोश- नया खुशियां, लाती है ऋतु बसन्त।।
बनते हैं ख्वाब सुनहरे, ऋतु बसन्त आने पर।
जैसे बदलते हैं नजारें, फूलों के खिल जाने पर।।
खिल उठते हैं चेहरे——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भोले
भोले
manjula chauhan
** जिंदगी  मे नहीं शिकायत है **
** जिंदगी मे नहीं शिकायत है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
कृष्णकांत गुर्जर
धीरे धीरे उन यादों को,
धीरे धीरे उन यादों को,
Vivek Pandey
🍁
🍁
Amulyaa Ratan
बसंत
बसंत
Lovi Mishra
चंद्रयान
चंद्रयान
डिजेन्द्र कुर्रे
"हिंदी साहित्य रत्न सम्मान - 2024" से रूपेश को नवाज़ा गया'
रुपेश कुमार
जीवन में कुछ पाना है तो झुकना सीखिए कुएं में उतरने वाली बाल्
जीवन में कुछ पाना है तो झुकना सीखिए कुएं में उतरने वाली बाल्
Ranjeet kumar patre
59...
59...
sushil yadav
*रामपुर रियासत के अंतिम राज-ज्योतिषी एवं मुख्य पुरोहित पंडित
*रामपुर रियासत के अंतिम राज-ज्योतिषी एवं मुख्य पुरोहित पंडित
Ravi Prakash
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
आज जब वाद सब सुलझने लगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
वो बदल रहे हैं।
वो बदल रहे हैं।
Taj Mohammad
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
2590.पूर्णिका
2590.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
धृतराष्ट्र की आत्मा
धृतराष्ट्र की आत्मा
ओनिका सेतिया 'अनु '
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
Shweta Soni
प्रेम पत्र
प्रेम पत्र
Surinder blackpen
रंगों में भी
रंगों में भी
हिमांशु Kulshrestha
روح میں آپ اتر جائیں
روح میں آپ اتر جائیں
अरशद रसूल बदायूंनी
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
अंधेरे का डर
अंधेरे का डर
ruby kumari
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
"गुणनफल का ज्ञान"
Dr. Kishan tandon kranti
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
Neeraj Naveed
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
अब गुज़ारा नहीं
अब गुज़ारा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
तितलियां
तितलियां
Adha Deshwal
Loading...