Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2021 · 1 min read

ऋतुराज सवैया

ऋतुराज सवैया – इस सवैया में चार चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में 7 सगण ( ।।ऽ ) का प्रयोग होता है। इस सवैया छंद में कुल 21 वर्ण होते हैं।
यह रोग भयानक कोविड है इसका अनुमान करो।
निज यौवन वैभव का अपने मन में न गुमान करो।
अब भीड़ नहीं रह दो गज दूर सुरक्षित जान करो।
रघुनाथ हरें हर रोग सभी उनका अब ध्यान करो।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी का मुसाफ़िर
जिंदगी का मुसाफ़िर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2686.*पूर्णिका*
2686.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय प्रभात*
बगुलों को भी मिल रहा,
बगुलों को भी मिल रहा,
sushil sarna
तुम्हारे महबूब के नाजुक ह्रदय की तड़पती नसों की कसम।
तुम्हारे महबूब के नाजुक ह्रदय की तड़पती नसों की कसम।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Neeraj Agarwal
*मारा हमने मूक कब, पशु जो होता मौन (कुंडलिया)*
*मारा हमने मूक कब, पशु जो होता मौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम भी जनता मैं भी जनता
तुम भी जनता मैं भी जनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लम्हें हसीन हो जाए जिनसे
लम्हें हसीन हो जाए जिनसे
शिव प्रताप लोधी
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
कुछ दर्द झलकते आँखों में,
Neelam Sharma
"इशारे" कविता
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
Rituraj shivem verma
"पर्दा"
Dr. Kishan tandon kranti
कसौटी
कसौटी
Sanjay ' शून्य'
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
Gunjan Tiwari
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
मधुमाश
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किस बात का गुमान है
किस बात का गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
"" *सुनीलानंद* ""
सुनीलानंद महंत
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
एक चिडियाँ पिंजरे में 
एक चिडियाँ पिंजरे में 
Punam Pande
व्यथा पेड़ की
व्यथा पेड़ की
विजय कुमार अग्रवाल
सवाल~
सवाल~
दिनेश एल० "जैहिंद"
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
ओम के दोहे
ओम के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
एहसास ए तपिश क्या होती है
एहसास ए तपिश क्या होती है
Shweta Soni
Loading...