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16 Nov 2023 · 1 min read

ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है

ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
राह दिखाने वाला जग को ईश नहीं क्यों दिखता है! हे हरि!आकर ये बतला दो तुझे कहाँ पर पाऊँ मैं
मंदिर, मस्जिद या गिरिजाघर चरण पूजने जाऊँ मैं।
सब कहते हैं अंतर्मन में करते आप निवास प्रभु
सदा विराजित रहें ह्रदय में करता हूँ अरदास प्रभु।
a m prahari

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