ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
मुक्तक
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
तुमने खूब ऊंचाई पा ली, रब का है शुकराना।
उस दिन खुशी मनाऊंगा, ऐ दोस्त तुम्हें बतला दूं,
कुछ पहुंचे हैं चांद तलक,तुम सूरज छू के आना।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी