Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।

मुक्तक

ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
तुमने खूब ऊंचाई पा ली, रब का करते शुकराना।
उस दिन खुशी मनाऊंगा, ऐ दोस्त तुम्हें बतला दूं मैं,
कुछ पहुंचे हैं चांद तलक, तुम सूरज छूके दिखलाना।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
65 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all
You may also like:
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
चुप्पी!
चुप्पी!
कविता झा ‘गीत’
कुलदीप बनो तुम
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
Nilesh Premyogi
इश्क समंदर
इश्क समंदर
Neelam Sharma
तुम केश तुम्हारे उड़ने दो
तुम केश तुम्हारे उड़ने दो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
राम तुम भी आओ न
राम तुम भी आओ न
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Someone Special
Someone Special
Ram Babu Mandal
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
*कौन-सो रतन बनूँ*
*कौन-सो रतन बनूँ*
Poonam Matia
4428.*पूर्णिका*
4428.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
हिंदी भाषा नही,भावों की
हिंदी भाषा नही,भावों की
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"यादों की बारात"
Dr. Kishan tandon kranti
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कविता: घर घर तिरंगा हो।
कविता: घर घर तिरंगा हो।
Rajesh Kumar Arjun
🙅सावधान🙅
🙅सावधान🙅
*प्रणय*
बेटी
बेटी
Akash Yadav
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
Ravi Prakash
एक अधूरे सफ़र के
एक अधूरे सफ़र के
हिमांशु Kulshrestha
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
कोई शुहरत का मेरी है, कोई धन का वारिस
Sarfaraz Ahmed Aasee
उलझन !!
उलझन !!
Niharika Verma
दीप की अभिलाषा।
दीप की अभिलाषा।
Kuldeep mishra (KD)
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
Rituraj shivem verma
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...