“ऊंचा लक्ष्य बनाओ”
गाड़ी में पेट्रोल डालते हो तो वो तुम्हे मंजिल तक पहुंचा देती है, और हाड़ – मांस के जिस पुतले को जीवनभर खिलते पिलाते हो, जिसके लिए जीवनभर ठोकरे खाते हो, कभी उससे पूछा कि उसने तुम्हे कहा पहुंचाया?
क्या बस खाने, पीने, सोने और बच्चे पैदा करने के लिए जीवन होता है? अगर कोई इसके अतिरिक्त कुछ नही करता तो उसमे और पशुओं में कोई भेद नहीं है………..