उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना कभी
जो किताबें पढ़ती हो ,
जो महसूस करती हो सब कुछ गहराई के साथ
जो लिखती हो शब्द ।
मत करना किसी ज्ञानी , जादुई, मोहयुक्त , पागल
स्त्री से प्रेम
प्रेम मत करना तुम किसी चिंतन करने वाली स्त्री से
जो जानती है कि वह क्या जानती है
जो आसमान में उड़ना जानती है
जो स्वयं को जानती है
उस स्त्री से मत करना प्रेम जो तुम्हें प्रेम करते समय
रोती या हंसती हो
जो अपनी आत्मा को देह के टुकड़ों में
परिवर्तित करना जानती हो…!
Shubham Anand Manmeet
उसे तो जाने ही दो जिसे कविताओं से प्रेम है
poetry