उस जमाने को बीते जमाने हुए
अब तेरे सिवा दिल को कोई भाता नहीं,
दिल ये मेरा किसी से दिल लगाता नहीं,
है तुझमें क्या कमी दिल ये बताना नहीं,
तेरी गलतियों को ये गिनाता नहीं
तुम मिलो न मिलो है ये मसला नहीं
अब भी हो बैठे तुम मुझमें कहीं
कुछ कसमें कुछ वादे पुराने हुए,
हम तुम्हारे थें अब बेगाने हुए
क्या कहे खुदा की खुदाई सनम
हम खुदा थें तुम ही को बताने लगे
तेरी यादें भी अब मुझसे कहने लगी,
उस जमाने को बीते जमाने हुए।
गौरी तिवारी ,भागलपुर बिहार