उस आदमी के लिए
उस आदमी के लिए
मैंने नीलम ( पड़ोसन ) से कहा , ” करवाचौथ आने वाला है । क्या कर रही हो ??
” कुछ खास नही।
उसने रूखे स्वर में कहा।
क्यों व्रत नही रख रही क्या ??मैंने कहा।
किसके लिए व्रत रक्खें उस आदमी के लिए जो इतने सालों से मुझे परेशान कर रहा है , शराब पीता है मारता पीटता है , जो हर वक्त पराई औरतो के साथ रहता है , उस आदमी के लिए व्रत रक्खें जो न मेरी इज्ज़त करता है , ना अपने माँ बाप की इज़्ज़त करता है । जिसे अपने बच्चो की फ़िक्र नही । मैं उस आदमी के लिए व्रत रखूँ। उसकी लम्बी उम्र की कामना करूं ताकि वो मुझे परेशान करता रहे । मैं उस आदमी के लिये व्रत रखूं। इतना कहकर वह चली गयी।
मगर मेरे कानों में अभी तक वो शब्द गूंज रहे हैं ,
उस आदमी के लिए . . . . . . . . । । । । । ।
स्वरचित -कल्पना ‘खूबसूरत ख़याल’