उसे तो आता है
उसे तो आता है
दो दिन की जिंदगी देना और देकर छीन लेना ।
उसे तो आता है,
ऐसी दूरियां देना जो शहर के शोर को भी
शमशान करती हैं,
उसने हमें दिए हैं बोलते लोगों के बीच,
खामोशियों के तोहफे,
कुछ सपने जो जिए न जा सके,
वो वादों के पिटारों का बोझ,
जिन पिटारों में ,कैद हैं कुछ अधूरी ख्वाहिशें ,
वह तकलीफ जो बता नहीं सके,
काश ! थोड़ा और रुक जाते
तो तुम्हारे सपने पूरे हो जाते ,
पर ऊपर वाले को तो जल्दी थी क्योंकि
उसे तो आता है
बस दो दिन की ज़िन्दगी देना ।।
मंजू सागर
गाजियाबाद