Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2024 · 1 min read

उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं

उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
जब खुद को कमजोर मान जाते हैं!
वहीं से हौसला कम पड़ने लगता है,
आत्म – बल क्षीण होने लगता है!
कोई कठिन लक्ष्य पाने के लिए
दृढ़ संकल्पित होना पड़ता है!
मज़बूत इरादा रखना पड़ता है,
कठोर परिश्रम करना पड़ता है,
परिस्थितियों से तालमेल बिठाके
सही राह पर चलना पड़ता है!
सभी बाधाओं को चीरते हुए…
अपने लक्ष्य पे अटल रहना होता है!
कड़ी मेहनत से प्राप्त सफलता का
स्वाद बहुत ही मीठा होता है।
…. अजित कर्ण ✍️

3 Likes · 2 Comments · 59 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
पूरी जिंदगानी लूटा देंगे उस ज़िंदगी पर,
पूरी जिंदगानी लूटा देंगे उस ज़िंदगी पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
पंकज परिंदा
...........
...........
शेखर सिंह
भूल
भूल
Neeraj Agarwal
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
कृष्णकांत गुर्जर
Mostly relationships will get “Boring” after you have been t
Mostly relationships will get “Boring” after you have been t
पूर्वार्थ
मां आई
मां आई
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैं और सिर्फ मैं ही
मैं और सिर्फ मैं ही
Lakhan Yadav
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
पारिजात छंद
पारिजात छंद
Neelam Sharma
सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !
सुधारौगे किसी को क्या, स्वयं अपने सुधर जाओ !
DrLakshman Jha Parimal
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय*
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
Ashwini sharma
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
Kshma Urmila
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
"ये आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
Kanchan Alok Malu
अपने ही हाथों
अपने ही हाथों
Dr fauzia Naseem shad
एसी कमरों में लगे तो, दीर्घ-आँगन पट गए (गीतिका )
एसी कमरों में लगे तो, दीर्घ-आँगन पट गए (गीतिका )
Ravi Prakash
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
Shweta Soni
ग़म
ग़म
shabina. Naaz
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
Loading...