Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2022 · 1 min read

उसने लफ़्ज़ों को लफ़्ज़ ही समझा

दिल-ए-एहसास को समझ न सका ।
उसने लफ़्ज़ों को लफ़्ज़ ही समझा ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
19 Likes · 332 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
Bidyadhar Mantry
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
बेटी शिक्षा
बेटी शिक्षा
Dr.Archannaa Mishraa
कोई गुरबत
कोई गुरबत
Dr fauzia Naseem shad
बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
Neelam Sharma
जीवन हो गए
जीवन हो गए
Suryakant Dwivedi
प्रतीकात्मक संदेश
प्रतीकात्मक संदेश
Shyam Sundar Subramanian
4146.💐 *पूर्णिका* 💐
4146.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
!! प्रार्थना !!
!! प्रार्थना !!
Chunnu Lal Gupta
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
Rj Anand Prajapati
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
पैरालंपिक एथलीटों का सर्वोच्च प्रदर्शन
Harminder Kaur
"सच और झूठ धुर विरोधी हो कर भी एक मामले में एक से हैं। दोनों
*प्रणय*
" संविधान "
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
दोहा
Ravi Prakash
नारी और चुप्पी
नारी और चुप्पी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
इन हवाओं ने भी बहुत ही लंबा सफ़र तय किया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
****दोस्ती****
****दोस्ती****
Kavita Chouhan
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
पुष्प
पुष्प
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
जब मैसेज और काॅल से जी भर जाता है ,
Manoj Mahato
शिवांश को जन्म दिवस की बधाई
शिवांश को जन्म दिवस की बधाई
विक्रम कुमार
जिसकी विरासत हिरासत में है,
जिसकी विरासत हिरासत में है,
Sanjay ' शून्य'
एक दो गाना संस्कृत में
एक दो गाना संस्कृत में
मधुसूदन गौतम
बचपन मेरा..!
बचपन मेरा..!
भवेश
नारी विज्ञान
नारी विज्ञान
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
सत्य कुमार प्रेमी
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
Ajit Kumar "Karn"
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...