Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Oct 2024 · 1 min read

उसने कहा, “क्या हुआ हम दूर हैं तो,?

उसने कहा, “क्या हुआ हम दूर हैं तो,?
प्यार तो हमेशा ही है!
मैंने हंसकर कहा, “वाह,
तेरी बातें तो फिल्मों जैसी हैं!”

अगर प्यार इतना ही सच्चा है,
तो न मैं फोन करती, न मैसेज करती।
बस दूर बैठकर ही तेरी यादों में जीती,
और चुपचाप, तुझे अपनी तकदीर समझती!

उसने फिर भी हंसकर कहा, पगली,
क्या तू मुझे याद नहीं करती?
मैंने चुटकी ली, याद? वो किस चिड़िया का नाम है?
तूने ही कहा था, “मैं हमेशा तेरे साथ हूँ। ”

अब जो साथ है, उसे याद कैसे करूंगी,
या शायद तेरे साथ होने का भ्रम पाल लूंगी?
आखिर, दूरियों में भी तो,
प्यार का दिखावा करना एक कला है।

उसने बड़ी मासूमियत से कहा,
तू समझती नहीं, ये सब तो बस बातें हैं,
असल में, दिल के रिश्ते में ही बात है।
मैंने कहा, हाँ, समझ गई।

दूर रहकर भी, तू वही फिल्मी डायलॉग बोलता है,
और मैं तेरे झूठे ख्यालों में फंसती हूँ,
तू पास हो या दूर,
तेरी बातों से ही बस मैं बहलती हूँ।

59 Views
Books from Kanchan Alok Malu
View all

You may also like these posts

This is Today
This is Today
Otteri Selvakumar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
डॉ. दीपक बवेजा
हार मैं मानू नहीं
हार मैं मानू नहीं
Anamika Tiwari 'annpurna '
रुकता समय
रुकता समय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
3021.*पूर्णिका*
3021.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ईश्के इजहार
ईश्के इजहार
Sonu sugandh
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
Ravi Prakash
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
.........कृष्ण अवतारी......
.........कृष्ण अवतारी......
Mohan Tiwari
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
sushil sarna
बूढ़ा पेड़
बूढ़ा पेड़
Mandar Gangal
क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
Dr. Rajeev Jain
की मैन की नहीं सुनी
की मैन की नहीं सुनी
Dhirendra Singh
अमृतध्वनि छंद
अमृतध्वनि छंद
Rambali Mishra
दीवाना
दीवाना
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नशा नाश करके रहे
नशा नाश करके रहे
विनोद सिल्ला
सत्य का पथ
सत्य का पथ
ललकार भारद्वाज
देखि बांसुरी को अधरों पर
देखि बांसुरी को अधरों पर
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
धन कमा लोगे, चमन पा लोगे।
धन कमा लोगे, चमन पा लोगे।
श्याम सांवरा
जहाँ खामोश रहना है, वहाँ मुँह खोल जाते है –
जहाँ खामोश रहना है, वहाँ मुँह खोल जाते है –
पूर्वार्थ
मेरी आँखो से...
मेरी आँखो से...
Santosh Soni
■सत्ता के लिए■
■सत्ता के लिए■
*प्रणय*
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
Ajit Kumar "Karn"
" गारण्टी "
Dr. Kishan tandon kranti
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
Sonam Puneet Dubey
भट सिमर वाली
भट सिमर वाली
श्रीहर्ष आचार्य
बात मेरी होगी,कल
बात मेरी होगी,कल
Nitu Sah
Loading...