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23 Apr 2018 · 1 min read

उसको भी खुद में रहने देना….

उसको भी खुद में रहने देना
जीते जी ना मरने देना
जैसा भी वक्त हो
शायरी की ओ किताब पढ़ते रहना।
(अवनीश कुमार)
जलने दो जैसे जल रहे है
कम से कम हम
खुद के पैर पे चल रहे है।

Language: Hindi
220 Views
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