उसकी कहानी
क्या कहीं काम मिलेगा
क्या मालिक शाम को पैसे देगा
काम न मिला
तो क्या होगा
इन सभी
प्रश्नों के साथ
उसकी सुबह होती है ,
शाम जब आता है वह घर
सहमा-सा
दरवाजा खटखटाता है
इतने में
दो नन्हे हाथ
फैल जाते हैं उसके आगे
जो पिता के आने की
प्रतीक्षा में
सवेरे से राह पर आंखें गड़ाए खड़े थे
परंतु
पिता की
क्रोध भरी ‘हटो’
जब सुनी
तो नन्ने हाथ सिमट गए
सब बिस्तर में जा दुबक गए
इसी तरह
आशाएं बांधती हैं उनकी हर सुबह
और
कत्ल हो जाती हैं हर शाम के साथ।।