Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2021 · 1 min read

उसका काम तमाम करता हूॅं !

उसका काम तमाम करता हूॅं !
••••••••••••••••••••••••••••••
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

किसी तरह उसका काम तमाम करता हूॅं !
ये सुनहरी शाम आज अपने नाम करता हूॅं !
वैसे तो कभी किसी का बुरा मैं नहीं चाहता !
पर हार को जीत में बदलने का काम करता हूॅं !!

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 23-08-2021.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 283 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
याद हम बनके तेरे दिल में महक जाएंगे,
याद हम बनके तेरे दिल में महक जाएंगे,
Dr fauzia Naseem shad
- शेखर सिंह
- शेखर सिंह
शेखर सिंह
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
जो सबके साथ होता है,
जो सबके साथ होता है,
*प्रणय*
“सुकून”
“सुकून”
Neeraj kumar Soni
क्रोध...
क्रोध...
ओंकार मिश्र
4526.*पूर्णिका*
4526.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
#बेबस लाचारों का
#बेबस लाचारों का
Radheshyam Khatik
चलो चाय पर करने चर्चा।
चलो चाय पर करने चर्चा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कुदरत ने क्या ख़ूब करिश्मा दिखाया है,
कुदरत ने क्या ख़ूब करिश्मा दिखाया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
नवरात्रि में ध्यान का महत्व। - रविकेश झा
नवरात्रि में ध्यान का महत्व। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
चलते रहने वालों की है, पहचान इस दुनिया में
चलते रहने वालों की है, पहचान इस दुनिया में
पूर्वार्थ
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
Bundeli Doha by Rajeev Namdeo Rana lidhorI
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
Ashwini sharma
चीर हरण
चीर हरण
Dr.Pratibha Prakash
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
" लिखना "
Dr. Kishan tandon kranti
कितनी प्यारी प्रकृति
कितनी प्यारी प्रकृति
जगदीश लववंशी
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
Indu Singh
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
यहां ज्यादा की जरूरत नहीं
Swami Ganganiya
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
सरोवर की और बहती नदियों पर कभी भी विश्वास कर नहीं उतरना चाहि
Jitendra kumar
যুঁজ দিওঁ আহক
যুঁজ দিওঁ আহক
Otteri Selvakumar
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
Monika Arora
*हों पितर जहॉं भी सद्गति की, इच्छा हम आठों याम करें (राधेश्य
*हों पितर जहॉं भी सद्गति की, इच्छा हम आठों याम करें (राधेश्य
Ravi Prakash
अपना सपना
अपना सपना
Shashi Mahajan
Loading...