उषाकाल
# प्रभात वंदना
# विषय ऊषाकाल
20/08/23
करो प्रभू की तुम प्रभात वन्दना आया ऊषा काल है।
है उसने यह संसार बनाया।
हम को सब जीवों मे समझदार बनाया।
जीने का हकदार बनाया।
करो प्रभु की तुम प्रभात वंदना आया उषा काल है।
कभी भोर कभी धूप छाँव है।
तो कभी सांझ की लाली।
हे प्रभु मेरे ईश तेरी महिमा अजब निराली करो प्रभू की ईश वन्दना।
आया उषा काल है।
प्रभू ने सब अंग प्रदान किये
सब को कर्म प्रधान किए।
प्रकृति जीवन उपहार दिये
हम सब पर उपकार किए। आओ प्रभु की करें बंदना आया उषाकाल है
कार्तिक नितिन शर्मा