उल्फ़त में जवानी
उल्फ़त में जवानी (गीत)
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बहुत छोटी जिंदगानी है,
उल्फ़त से भरी जवानी है।
वक्त पल में निकल जाता,
हाथ कुछ नहीं है आता,
शेष रह जाती निशानी है।
उल्फ़त से भरी जवानी है।
जग में प्रीत पराई है,
मन में बसी तन्हाई है,
नीर सी बहती रवानी है।
उल्फ़त से भरी जवानी है।
तेरा – मेरा जो नाता,
किसी को नहीं है भाता,
तीन लफ्जों की कहानी है।
उल्फ़त से भरी जवानी है।
यह जीवन है मयखाना,
अश्कों में बस बह जाना,
थोड़ी बहुत ही पुरानी है।
उल्फ़त से भरी जवानी है।
मनसीरत मन पागल है,
बजे पांव में पायल है,
प्यार मांगता कुरबानी है।
उल्फ़त से भरी जवानी है।
बहुत छोटी जिंदगानी है।
उल्फ़त से भरी जवानी है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथ