Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

उलझ गई है दुनियां सारी

उलझ गई है दुनियां सारी
स्वार्थ की हुई है बिमारी
देश की मान और मर्यादा
भूल गई है जनता सारी
_ सोनम पुनीत दुबे

1 Like · 30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" कोपर "
Dr. Kishan tandon kranti
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
आज रविवार है -व्यंग रचना
आज रविवार है -व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
वाह नेता जी!
वाह नेता जी!
Sanjay ' शून्य'
जीवन एक मैराथन है ।
जीवन एक मैराथन है ।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
विजय कुमार अग्रवाल
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
हैप्पी नाग पंचमी
हैप्पी नाग पंचमी
Ranjeet kumar patre
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हार गए तो क्या हुआ?
हार गए तो क्या हुआ?
Praveen Bhardwaj
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
Akash Yadav
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया
दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया
Monika Arora
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
Neeraj Agarwal
*अलविदा तेईस*
*अलविदा तेईस*
Shashi kala vyas
ज़िन्दगी..!!
ज़िन्दगी..!!
पंकज परिंदा
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Chaahat
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
surenderpal vaidya
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री
Mukesh Kumar Sonkar
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
खाली पैमाना
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
4245.💐 *पूर्णिका* 💐
4245.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
न जाने कहा‌ँ दोस्तों की महफीले‌ं खो गई ।
न जाने कहा‌ँ दोस्तों की महफीले‌ं खो गई ।
Yogendra Chaturwedi
🙅DNA REPORT🙅
🙅DNA REPORT🙅
*प्रणय प्रभात*
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
Radha Bablu mishra
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
Sonam Puneet Dubey
सब अनहद है
सब अनहद है
Satish Srijan
Loading...