उलझन
प्यार के आज हर शब्द
अपने में ही उलझ गए है
हर राग प्यार के आज
खुद अटके हुए पड़े है
होठों पर आने से पहले
प्यार के सुर भटक रहे है
कैसे गीत गाए
अनामिका प्यार की
जब आज हर दिल में
नफरत पल रहे है
जब प्यार के हर सुर ही मेरे
इस उलझन में घिरे है।
~अनामिका