उर-ऑंगन के चॉंद तुम्हीं हो।
#दिनांक :-17/12/2024
#शीर्षक:-उर-ऑंगन के चॉंद तुम्हीं हो।
नादान ह्दय बेचैन हुआ,
बताओ कैसे हम बहलाएं ।।1।
रोक रखा है कुछ तुमको,
कैसे प्रेम उसे समझाए ।।2।
ऋतु की तरह आते-जाते,
बताओ कैसे मौसम ठहराए ।।3।
अनमना मन अनकही बातें,
बताओ कैसे तुमको बताए ।।4।
हर पल आती याद तुम्हारी
खुद को कैसे याद दिलाए ।।5।
गिर रही दीवार देखो उम्र की,
कैसे संभाल उसे हम पाए।।6।
विमुख होकर चले गए हो ,
अब कैसे कहो तुम्हें मनाएं ।।7।
डूबना तुझमें अच्छा लगता,
अपनी आदत किसे बताए।।8।
उर-ऑगन के चांद तुम्हीं हो,
कैसे चांदनी हम बन जाएं ।।9।
मन भाव समर्पित गीत लिखूॅ,
नित प्रतिभा नूतन राग सुनाए।।10।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई