Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2024 · 1 min read

उरवासी

उरवासी (दुर्मिल सवैया )

दिल में रहते न कभी हटते तुम बात सदा हँसते करते।
तुम प्राण बने बहते रग में तन नूतन नित्य सदा करते।
मन में खुश हो रहते प्रिय तू शुभ साधन धाम बने दिखते।
नजरें मिलती रहती नित हैँ प्रिय प्रेम कथा रहते लिखते।

सपना बनते अपना लगते जब से तुम हो प्रिय पास सखे।
तुम गुप्त कभी तुम जाग कभी तुम भाग्य कभी नित आस सखे।
तुम बंधन प्यार उदार सखे तुम चन्दन इत्र शुमार सखे।
तुम प्रेम समंदर मध्य सखे प्रिय ज्ञान अथाह अपार सखे।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 50 Views

You may also like these posts

उर्दू सीखने का शौक
उर्दू सीखने का शौक
Surinder blackpen
जज़्बात-ए-कलम
जज़्बात-ए-कलम
Chandrakant Sahu
संवेदनहीन
संवेदनहीन
Shweta Soni
मां शारदा वागेश्वरी
मां शारदा वागेश्वरी
Mandar Gangal
बेरहम आँधियाँ!
बेरहम आँधियाँ!
Pradeep Shoree
भोला-भाला गुड्डा
भोला-भाला गुड्डा
Kanchan Khanna
*
*"सिद्धिदात्री माँ"*
Shashi kala vyas
सिखला दो न पापा
सिखला दो न पापा
Shubham Anand Manmeet
आप सभी साथियों को विजय दसवीं पर्व की ह्रदय तल से शुभकामनाएं
आप सभी साथियों को विजय दसवीं पर्व की ह्रदय तल से शुभकामनाएं
इशरत हिदायत ख़ान
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
gurudeenverma198
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
माँ
माँ
Dr.Archannaa Mishraa
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
Manju sagar
दोहा- सरस्वती
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अश'आर
अश'आर
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*योग दिवस है विश्व में, इक्किस जून महान (पॉंच दोहे)*
*योग दिवस है विश्व में, इक्किस जून महान (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
Sonam Puneet Dubey
" बेघर "
Dr. Kishan tandon kranti
मां की आँखों में हीरे चमकते हैं,
मां की आँखों में हीरे चमकते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
bharat gehlot
ख़ुद से बचकर कोई जाए
ख़ुद से बचकर कोई जाए
Dr fauzia Naseem shad
😢
😢
*प्रणय*
"" *हाय रे....* *गर्मी* ""
सुनीलानंद महंत
।।आज की मीडिया का सच।।
।।आज की मीडिया का सच।।
Priyank Upadhyay
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...