उम्मीद नहीं थी
उम्मीद नहीं थी तुमसे बेवफाई की।
उस पर से इतनी जगह हंसाई की।
बहुत तड़पाया हमें तेरे झूठे वादों ने
मासूमियत से भरे तल्ख इरादों में।
आ गये हम तेरी मीठी मीठी बातों में
समझ न पाये कैसे फंसे घातों में।
इश्क करके तुमसे हम बहुत पछताये
छोड़ने वाले दिल दे फिर भी दुआये।
सुरिंदर कौर