उम्मीद अगर बहुत ज़्यादा होती है
उम्मीद अगर बहुत ज़्यादा होती है
और जब टूटने की कगार पर होती है
तब सच्चाई पर यकीन नहीं होता….
इस परिस्थिति में होता यह है कि….
उम्मीद अटूट विश्वास में बदल जाता है,
विश्वास सच्चाई की ओर बढ़ने लगता है,
और मन में गाॅंठ की तरह बॅंध जाता है…
जो सच को सच मानने से इन्कार करता है!
हाॅं,अटूट विश्वास सच के बहुत करीब होता है!
…. अजित कर्ण ✍️