उम्मीदो का सागर
उम्मीद
जुनून रखने वाला एक आदमी दिलचस्पी रखने वाले चालीस व्यक्तियों पर भारी है|
विज़न बनाने के लिए आपको अपने मन को टटोलना होगा
अदम्य साहस की काया दो पैरों पर टिकी होती है- एक ऊंचे लक्ष्यों पर टिकी नजर, जिसे मैं विजन कहता हूं और दूसरा पक्का इरादा। अपनी आध्यात्मिक प्रकृति से जुड़ने के लिए यह जरूरी है कि जीवन में आपके पास विजन हो। अपने जीवन का विजन बनाने के लिए आपको अपने मन को टटोलना होगा। विश्वप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक कार्ल जंग ने कहा था, ‘आपका विजन तभी स्पष्ट होगा जब आप इसे अपने दिल में तलाशेंगे। जो बाहर खोजता है, वह सपना पाता है जो अपने अंदर कलाम, पूर्व राष्ट्रपति खोजता है, वह जागता है।’ अजीब बात है कि हममें से ज्यादातर, दृष्टि या नजरिए पर अमल करने से कतराते हैं, शायद इसलिए क्योंकि हम दूरदर्शी होने को अव्यावहारिकता से जोड़कर दे हैं। मेरे हिसाब से दृष्टि के दो अवयव होते हैं। उसका एक हिस्सा भावात्मक होता है (कल्पना अंतर्दृष्टि और मूल्यों से उत्पन्न) जबकि दूसरा हिस्सा तार्किक होता है (विवेचना से उत्पन्न।) दृष्टि शब्द का मैं विस्तृत मायने में प्रयोग करता हूं। इस बारीकी के बिना दृष्टि वास्तव में भटककर कोरी कल्पना के लोक में पहुंच सकती है। यदि आप विजन निर्धारित कर लेते हैं, तब कम से कम आपके जीवन को दिशा तो मिल जाती है और अपनी जिंदगी का जहाज उस दिशा में ले जा सकते हैं। असंतोष और निराशा किसी चीज की कमी की वजह से नहीं होती, बल्कि दूरदर्शी न होने से होती है।