उम्मीदें
हम क्या रखें नए साल से उम्मीदें
हमारे लिए हर आने वाला साल है एक जेसा .
लेकर चले हाथों में जलता चिराग .
जानिब -एे -मंजिल .
मंजिल तो अब तक फिर भी ना मिली .
और बीच राह में ही चिराग बुझ गया.
हम क्या रखें नए साल से उम्मीदें
हमारे लिए हर आने वाला साल है एक जेसा .
लेकर चले हाथों में जलता चिराग .
जानिब -एे -मंजिल .
मंजिल तो अब तक फिर भी ना मिली .
और बीच राह में ही चिराग बुझ गया.