Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2021 · 2 min read

उमस

सुबह से ही मौसम बेहतर है वो इसलिए क्योंकि पिछले कितने दिनों से तेज़ धूप और दहकती गर्म उमस थी मौसम अलसाया सा प्रतीत होता था अंदर से और बाहर से भी पता नहीं बादल कब बरसेंगे अगर एक आध बार भी बरस जायें तो अंदर बाहर सब शीतल हो जाये क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद पर रही तपिस को शांत करने हेतु बादल का और शायद आंखों का बरसना ज़रुरी है।मौसम बदलते हैं इंसान की प्रवृति भी यहीं दोनों का प्राकृतिक नियम है इतने दिनों से लगता है लोगों के मध्य रहकर भी बीहड़ में रह रहे हैं शायद ये सब भीड़ भाड़ और झूठी ज़िन्दगी मुझे पसंद नहीं और इन सबको मैं भी प्रायःएक दूसरे की पसंद होने के लिए कुशल व्यक्तित्व और जीने की कला का होना लाज़िमी है पर शायद वो दोनों में ही नहीं लगता है सब थोथला झूठा जीवन जीते हैं एक बदलाव की आवश्यकता है मुझमें या सब में पर सबको नहीं बदला जा सकता।कोई विश्वास पात्र नहीं कैसी का भी शायद मैं भी नहीं लगता है सबके संग मैंने भी बदलाव स्थिति को ग्रहण कर लिया है।कुछ अच्छी प्रवृति के सभ्य लोग भी है पर मुझसे कोसो दूर है घर में सब शिष्ट हैं सभ्य है यह समझना और होना ज़रुरी भी है पर कस्बाई भागती दौड़ती ज़िन्दगी में सब भीड़ में अकेले हैं इसी से सब और तपिश है गर्म है दहक रहे हैं लोग शायद मैं भी तभी किसी ऐसी तेज़ बारिश की ज़रुरत है जो एक नया रंग उकेर दे अभी भी तपिस में अनमने से सब जी रहे है पर क्या जीते हैं सब पर हंसी ही आती है वही कुत्सित दिनचर्या किसी में कोई उमंग नहीं बस जीते हैं फिर भी सब अपने लिए पर बरसात से कुछ बदलाव अवश्य होगा जैसे अक्श्रु बहने से आंखों की कलिष दूर होती है और शीतलता आती है बादल घिर आये बस आज यही लगता है आज कुछ नया हो ही जाए।

मनोज शर्मा

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 537 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"साहस का पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
साथ
साथ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
Shriyansh Gupta
एक छोटी सी तमन्ना है जीन्दगी से।
एक छोटी सी तमन्ना है जीन्दगी से।
Ashwini sharma
*लम्हा  प्यारा सा पल में  गुजर जाएगा*
*लम्हा प्यारा सा पल में गुजर जाएगा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खुद को महसूस
खुद को महसूस
Dr fauzia Naseem shad
झूठी हमदर्दियां
झूठी हमदर्दियां
Surinder blackpen
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
😢😢😢😢
😢😢😢😢
*प्रणय प्रभात*
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
सूरज को
सूरज को
surenderpal vaidya
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
gurudeenverma198
यूँ तो कभी
यूँ तो कभी
हिमांशु Kulshrestha
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
वैसे कार्यों को करने से हमेशा परहेज करें जैसा कार्य आप चाहते
Paras Nath Jha
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
हासिल-ए-ज़िंदगी फ़क़त,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*देव हमें दो शक्ति नहीं ज्वर, हमें हराने पाऍं (हिंदी गजल)*
*देव हमें दो शक्ति नहीं ज्वर, हमें हराने पाऍं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
इंटरनेट
इंटरनेट
Vedha Singh
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
VINOD CHAUHAN
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
Dr. Man Mohan Krishna
फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
फिर चाहे ज़िंदो में.. मैं मुर्दा ही सही...!!
Ravi Betulwala
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
4126.💐 *पूर्णिका* 💐
4126.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मैंने चुना है केसरिया रंग मेरे तिरंगे का
मैंने चुना है केसरिया रंग मेरे तिरंगे का
Saraswati Bajpai
बहुत कीमती है पानी,
बहुत कीमती है पानी,
Anil Mishra Prahari
Loading...