Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2024 · 1 min read

उमड़ते जज्बातों में,

उमड़ते जज्बातों में,
आज अल्फ़ाज़ सहम से गए है !
कुछ यूं बढ़ रही है दिल की बेचैनी
की हम केवल आपकी नजरों में खो गए है !!

1 Like · 2 Comments · 16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी के तूफ़ानों की प्रवाह ना कर
जिंदगी के तूफ़ानों की प्रवाह ना कर
VINOD CHAUHAN
विचार और रस [ एक ]
विचार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
माँ का प्यार
माँ का प्यार
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
भूरा और कालू
भूरा और कालू
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
चांद अब हम तेरा दीदार करेगें
Dr.Priya Soni Khare
उजियारी ऋतुओं में भरती
उजियारी ऋतुओं में भरती
Rashmi Sanjay
*भगवान के नाम पर*
*भगवान के नाम पर*
Dushyant Kumar
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर गम दिल में समा गया है।
हर गम दिल में समा गया है।
Taj Mohammad
*कभी लगता है जैसे धर्म, सद्गुण का खजाना है (हिंदी गजल/गीतिका
*कभी लगता है जैसे धर्म, सद्गुण का खजाना है (हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
అతి బలవంత హనుమంత
అతి బలవంత హనుమంత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
मन के सवालों का जवाब नही
मन के सवालों का जवाब नही
भरत कुमार सोलंकी
■ व्हीआईपी कल्चर तो प्रधान सेवक जी ने ख़त्म करा दिया था ना...
■ व्हीआईपी कल्चर तो प्रधान सेवक जी ने ख़त्म करा दिया था ना...
*प्रणय प्रभात*
पिता
पिता
Swami Ganganiya
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
फितरत
फितरत
Bodhisatva kastooriya
"ये तन किराये का घर"
Dr. Kishan tandon kranti
Decision making is backed by hardwork and courage but to cha
Decision making is backed by hardwork and courage but to cha
Sanjay ' शून्य'
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
AVINASH (Avi...) MEHRA
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
अब किसी से कोई शिकायत नही रही
ruby kumari
जता दूँ तो अहसान लगता है छुपा लूँ तो गुमान लगता है.
जता दूँ तो अहसान लगता है छुपा लूँ तो गुमान लगता है.
शेखर सिंह
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
Struggle to conserve natural resources
Struggle to conserve natural resources
Desert fellow Rakesh
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
Atul "Krishn"
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
Loading...