Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2022 · 1 min read

उपदेश से तृप्त किया ।

ज्ञान पाने को बुद्ध ने,
दूर – दूर तक भ्रमण किया,
भिक्षाटन करते हुए,
शरीर को जीवन दिया,
दिया मानव को ज्ञान,
उपदेश से तृप्त किया ।

राज महलो के भोग विलास को,
त्याग कर वैरागी बना,
दुःख का कारण ज्ञात करने,
एक चीवर में ज्ञान का तप किया,
तृष्णा से विरक्त हुआ,
उपदेश से तृप्त किया।

बाँध न सके कोई बंधन,
राग मोह लोभ क्रोध पर विजय पाया,
‘ अप्प दीपो भव ‘ कह ,
मानव को सत्य मार्ग दिखाया,
दुःख का है यह संसार,
उपदेश से तृप्त किया ।

प्रज्ञा शील और करुणा का पथ,
निर्वाण का भी मार्ग दिया,
छह वर्षो की तपस्या में,
बुद्धत्व का जो ज्ञान हुआ,
‘ भिक्खु चरति ‘ मोह से विमुक्ति,
उपदेश से तृप्त किया ।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।

5 Likes · 6 Comments · 1406 Views
Books from Buddha Prakash
View all

You may also like these posts

" उदास ना कर "
Dr. Kishan tandon kranti
*वीणा के स्वर मन में गूॅंजें, जीवन में सुर लय ताल रहे (राधेश
*वीणा के स्वर मन में गूॅंजें, जीवन में सुर लय ताल रहे (राधेश
Ravi Prakash
मेरी एक बात हमेशा याद रखना ,
मेरी एक बात हमेशा याद रखना ,
Iamalpu9492
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
अवध किशोर 'अवधू'
..........अर्थ हीन......
..........अर्थ हीन......
Mohan Tiwari
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मज़दूर की मजबूरी
मज़दूर की मजबूरी
Uttirna Dhar
खुदकुशी..!
खुदकुशी..!
Prabhudayal Raniwal
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
Saraswati Bajpai
साइस और संस्कृति
साइस और संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
वक़्त
वक़्त
विजय कुमार अग्रवाल
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
“🌟 A habit missed once is a mistake. A habit missed twice is
“🌟 A habit missed once is a mistake. A habit missed twice is
पूर्वार्थ
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
Brijpal Singh
महाकाल के भक्त है अंदर से सशक्त है।
महाकाल के भक्त है अंदर से सशक्त है।
Rj Anand Prajapati
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
जिंदगी भी आजकल
जिंदगी भी आजकल
हिमांशु Kulshrestha
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
कतरा कतरा बिखर रहा था ।
कतरा कतरा बिखर रहा था ।
अनुराग दीक्षित
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
काश, वो बचपन के दिन लौट आए...
काश, वो बचपन के दिन लौट आए...
Rati Raj
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
गम   तो    है
गम तो है
Anil Mishra Prahari
हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
Sonam Puneet Dubey
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
तेरे होने का जिसमें किस्सा है
shri rahi Kabeer
ज़माने से खफा एक इंसान
ज़माने से खफा एक इंसान
ओनिका सेतिया 'अनु '
कह मुकरियां
कह मुकरियां
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
Loading...