उपदेशक दोहे
उसकी यदि होगी कृपा, होगा तब आभास,
नहीं दूर वह आपसे, वह तो रहता पास.
हिल मिल कर जो रह सके, मिल जुल कर जो खात,
उसको प्रभु की ओर से, मिली सदा सौगात.
उसकी यदि होगी कृपा, होगा तब आभास,
नहीं दूर वह आपसे, वह तो रहता पास.
हिल मिल कर जो रह सके, मिल जुल कर जो खात,
उसको प्रभु की ओर से, मिली सदा सौगात.