Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2022 · 1 min read

उन लफ़्ज़ों का शुक्रिया

जिसने ख़ामोशियों से
तेरे दिल को छू लिया।
कर बैठे आज हम,
उन लफ़्ज़ों का शुक्रिया ॥

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 107 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

*
*"तुम प्रीत रूप हो माँ "*
Shashi kala vyas
मुखोटा
मुखोटा
MUSKAAN YADAV
वाह चाय
वाह चाय
Chitra Bisht
भावहीन
भावहीन
Shweta Soni
मातृभाषा💓
मातृभाषा💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
राम नाम की गूंज से
राम नाम की गूंज से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
उसी वादी में
उसी वादी में
Kanchan Advaita
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फलक के सितारे
फलक के सितारे
शशि कांत श्रीवास्तव
I want to tell them, they exist!!
I want to tell them, they exist!!
Rachana
हम से भी ज्यादा हमारे है
हम से भी ज्यादा हमारे है
नूरफातिमा खातून नूरी
ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का)
ग़ज़ल (हुआ असर उनसे रू ब रू का)
डॉक्टर रागिनी
" बेताबी "
Dr. Kishan tandon kranti
#दोहे (व्यंग्य वाण)
#दोहे (व्यंग्य वाण)
Rajesh Kumar Kaurav
एक रिश्ता शुरू हुआ और तेरी मेरी कहानी बनी
एक रिश्ता शुरू हुआ और तेरी मेरी कहानी बनी
Rekha khichi
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
🍁अंहकार🍁
🍁अंहकार🍁
Dr. Vaishali Verma
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
3427⚘ *पूर्णिका* ⚘
3427⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पूर्वार्थ
आज बुजुर्ग चुप हैं
आज बुजुर्ग चुप हैं
VINOD CHAUHAN
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
😢
😢
*प्रणय*
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
जब तक आपका कामना है तब तक आप अहंकार में जी रहे हैं, चाहे आप
Ravikesh Jha
कलकल बहती माँ नर्मदा
कलकल बहती माँ नर्मदा
मनोज कर्ण
एकांत मन
एकांत मन
TARAN VERMA
कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल।
कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल।
Suryakant Dwivedi
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
Loading...