Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
हिमांशु Kulshrestha
40 Followers
Follow
Report this post
25 Apr 2024 · 1 min read
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
और एक हम थे
जो बेहद हो गए
हिमांशु Kulshrestha
Tag:
Quote Writer
Like
Share
101 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
The_dk_poetry
आरजी जिंदगी है ...हिसाब किताब होगा सब आखिरत में......
shabina. Naaz
भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
Phool gufran
शे
*प्रणय*
बर्षो बीते पर भी मन से,
TAMANNA BILASPURI
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अब भी देश में ईमानदार हैं
Dhirendra Singh
7. तेरी याद
Rajeev Dutta
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
singh kunwar sarvendra vikram
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
हवा-बतास
आकाश महेशपुरी
4588.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*श्री देवेंद्र कुमार रस्तोगी के न रहने से आर्य समाज का एक स्
Ravi Prakash
आजादी का पर्व
Parvat Singh Rajput
*बाल गीत (सपना)*
Rituraj shivem verma
साथ
Neeraj Agarwal
छवि के जन्मदिन पर कविता
पूर्वार्थ
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
~~तीन~~
Dr. Vaishali Verma
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
मन के द्वीप
Dr.Archannaa Mishraa
गीतिका
surenderpal vaidya
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
Piyush Goel
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
gurudeenverma198
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
"तब"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या आसमां और क्या जमीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...