Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

उनसे मिलने से पहले ही अच्छे थे अपने हालात

नया गम और नए दर्द की सौगात,
प्यार में हुई फिर एक बार वही बात।

दिन नहीं कटा कोई, न ही रोए
बिना गुजरी कोई भी रात।

कैसे जिएं हम जब कि हुई न
उनसे एक भी मुलाकात।

समझ गए सब, पर वो ही नहीं
समझे कभी मेरे जज्बात।

जाने से उनके लगता है कि उनसे मिलने
से पहले ही अच्छे थे अपने हालात।

1 Like · 36 Views

You may also like these posts

करके RJD से हलाला फिर BJP से निकाह कर लिया।
करके RJD से हलाला फिर BJP से निकाह कर लिया।
Rj Anand Prajapati
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
बहारों का जमाना
बहारों का जमाना
सोबन सिंह रावत
दिखावटी लिबास है
दिखावटी लिबास है
Dr Archana Gupta
कण कण में है श्रीराम
कण कण में है श्रीराम
Santosh kumar Miri
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
बुढ़ापा आता है सबको, सभी एहसास करते हैं ! उम्र जब ढ़लने लगती ह
DrLakshman Jha Parimal
2546.पूर्णिका
2546.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"" *बसंत बहार* ""
सुनीलानंद महंत
मछली रानी
मछली रानी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
'गाजर' (मनहरण घनाक्षरी)
'गाजर' (मनहरण घनाक्षरी)
Godambari Negi
विजय द्वार (कविता)
विजय द्वार (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
हिन्दी
हिन्दी
SURYA PRAKASH SHARMA
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
“क्यों आए हैं जीवन में ,क्या इसका कोई मूल है ।
“क्यों आए हैं जीवन में ,क्या इसका कोई मूल है ।
पूर्वार्थ
"वक्त इतना जल्दी ढल जाता है"
Ajit Kumar "Karn"
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ज्ञानों का महा संगम
ज्ञानों का महा संगम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खुद के अलावा खुद का सच
खुद के अलावा खुद का सच
शिव प्रताप लोधी
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
kumar Deepak "Mani"
सांसें
सांसें
निकेश कुमार ठाकुर
रोटी रूदन
रोटी रूदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
"नदी की सिसकियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
हर पल
हर पल
Minal Aggarwal
पितृ दिवस ( father's day)
पितृ दिवस ( father's day)
Suryakant Dwivedi
देशभक्ति
देशभक्ति
Pratibha Pandey
गुरु
गुरु
R D Jangra
जन्म जला सा हूँ शायद...!
जन्म जला सा हूँ शायद...!
पंकज परिंदा
हे जीवन पथ के पंथी
हे जीवन पथ के पंथी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मेरे दर तक तूफां को जो आना था।
मेरे दर तक तूफां को जो आना था।
Manisha Manjari
Loading...