उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा
उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा,
हमको भी उनका इंतजार नहीं रहा।
ये रोग है इलाज़ के काबिल क्योंकि,
हमको अब हमें इश्क का बुखार नहीं रहा।
हम पर उंगली उठाते हैं ये लोग,
क्या इनका आंचल अब दाग़दार नहीं रहा।
किस तरह बचाएंगे रिश्तों को हम अपने,
किसी को भी वो पहले सा प्यार नहीं रहा।
वो गुजरते हैं मेरे सामने से ऐसे जैसे उन्हें,
मेरे दिल पे ऐतबार नहीं रहा।
उतार दिए सभी कर्ज़ हमने तो आज तक के,
अब हम पर कोई उधार नहीं रहा।
जो मतलब निकाल कर चल दे अपने रास्ते,
“रौशनी” अपना ऐसा कभी किरदार नहीं रहा।