उनकी मोहब्बत में सब कुछ भुलाए बैठें हैं
हम उनकी मोहब्बत में सब कुछ भुलाए बैठें हैं, एक वो है कि किसी और से दिल लगाए बैठे है।
आसमां के चांद से बातें करते हैं इतनी मगर, इस चांद से नजरें चुराए बैठे हैं।
हमको देखते हैं छुप छुप कर लेकिन दिल में हमारी तस्वीर लगाए बैठे हैं।
हम ही क्यों करे खुद को बेनकाब इश्क में, जब वो खुद को परदे में छुपाए बैठे हैं।
अगर प्यार है तो कबूल क्यों नहीं करते,
हम तो आपकी हां सुनने के लिए कान लगाए बैठे हैं।
इस उम्मीद में कि आ जाओगे तुम इक रोज मिलने हमसे,
हर राह पर पलकें बिछाए बैठे हैं।