उनकी नज़रों की बेकरारी को महसूस किया था हमने – मुक्तक
१.
उनकी नज़रों की बेकरारी को महसूस किया था हमने
उनकी साँसों की आहट को छुआ था हमने
दिल से दिल को मिली थी राह नयी
चंद रोज पहले ही उनसे मुलाक़ात हुई
२.
ये एहसासे – मुहब्बत की बातें , क्या बताएं हम
आँखों से दिल में उतर मुहब्बत का खुदा कर दे
उनके दिल की धड़कन ने उसे, खुद से किया रूबरू
होठों पर रोशन मुस्कान हुई , दिल से दिल की बात हुई