उधार वो किसी का रखते नहीं,
उधार वो किसी का रखते नहीं,
मेरा भी लौटा दिया।
जितना खाया था उन्होंने नमक मेरा
मेरे ही ज़ख़्मो पर लगा दिया..!!
विशाल बाबू ✍️✍️✍️
उधार वो किसी का रखते नहीं,
मेरा भी लौटा दिया।
जितना खाया था उन्होंने नमक मेरा
मेरे ही ज़ख़्मो पर लगा दिया..!!
विशाल बाबू ✍️✍️✍️