उद्गार किया उपकार किया,
उद्गार किया उपकार किया,
उसको ही दिल से प्यार किया।
श्याम तुम्हारे चरणों में मैंने,
अपना सबकुछ वार दिया।
जो राह दिखाई उसका पथिक बना मैं।
फिर जीते जी क्यूं मुझे मार दिया।
फिर भी तुमसे शिकवा नहीं है,
बस दोष मेरा बतला देना।
हे श्याम तेरे चरणों में मैं हूं,
मुझको न ठुकरा देना।
श्याम सांवरा….