उदास
मैं हर गम से जार-जार हूँ।
क्योकि खफा खुद से में आज हूँ।
खुशियाँ ही खुशियाँ है इस जहा में यहाँ।
फिर भी आज मैं उदास हूँ।
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खुशियाँ नही इतनी मेरे पास
के मैं जग को हँसा सकूँ।
बस शकून दे एक पल का, मेरे खुदा
के इस पल में, खुद को, खुद से मिला सकूँ।
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🦋 स्वामी गंगानिया 🦋