उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उसके चेहरे पर मैंने आफताब देखा है ।
तू ये बता कि हक़ीक़त है या ये अफसाना।
उसकी सूरत में मैंने खिलता गुलाब देखा है ।।
Phool gufran
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उसके चेहरे पर मैंने आफताब देखा है ।
तू ये बता कि हक़ीक़त है या ये अफसाना।
उसकी सूरत में मैंने खिलता गुलाब देखा है ।।
Phool gufran