उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
वफ़ायें हर रोज़ उसके दर का दरवाज़ा खटखटाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
वफ़ायें हर रोज़ उसके दर का दरवाज़ा खटखटाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”