उड़े हैं रंग फागुन के हुआ रंगीन है जीवन
उड़े हैं रंग फागुन के हुआ रंगीन है जीवन
अधर पर गीत हैं मीठे बजाती राग है धड़कन
गुलाबी गाल यूं दिखते लगी हो शर्म की लाली
मनाने रंग का उत्सव हिलोरें ले रहा तन -मन
डॉ अर्चना गुप्ता
उड़े हैं रंग फागुन के हुआ रंगीन है जीवन
अधर पर गीत हैं मीठे बजाती राग है धड़कन
गुलाबी गाल यूं दिखते लगी हो शर्म की लाली
मनाने रंग का उत्सव हिलोरें ले रहा तन -मन
डॉ अर्चना गुप्ता