“उड़ान”
“उड़ान”
उड़ने की चाहत, हमारी भी थी ,
बस एक कमी थी पंखों की ।
दिल चाहता है ,छूं लूं आसमां,
पर राह नही आसान है ।
न जाने कब होगी, इच्छा पूरी ,
बिन पंखों की उड़ान से।
……..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी
“उड़ान”
उड़ने की चाहत, हमारी भी थी ,
बस एक कमी थी पंखों की ।
दिल चाहता है ,छूं लूं आसमां,
पर राह नही आसान है ।
न जाने कब होगी, इच्छा पूरी ,
बिन पंखों की उड़ान से।
……..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी