उठो, जागो और प्रगति के लिए साथ आओ – आनन्द्श्री देश ने मुझे क्या दिया है यह कहने की अपेक्षा, मैं जिस समाज मे पैदा हुआ उसको मैने क्या दिया
उठो, जागो और प्रगति के लिए साथ आओ – आनन्द्श्री
देश ने मुझे क्या दिया है यह कहने की अपेक्षा, मैं जिस समाज मे पैदा हुआ उसको मैने क्या दिया
कोरोना के नवयुग में देश नई ऊँचाईं को छूने के लिए अग्रसर है।बहुत सी बाधाएं आयी लेकिन अवसर भी काम नहीं हुए। डिजिटल इंडिया ने तो संसार में धूम मचाई हुयी है। सेव कहते है की २०३० में जो इंटरनेट की प्रगति होने वाली थी वह इसी वर्ष पूर्ण हो गयी। चारो तरफ ऑनलाइन का बोलबाला है। कोरोना समस्या है और यह समस्या फिर से अपने सिर उठा रहा है। अगर हम समस्या का हिस्सा बनेंगे तो हम कभी भी समाधान नहीं कर पाएंगे। समाधान खोजने के लिए हमें समाधान का हिस्सा बनना पड़ेगा।
आप समाधान के साथ हो या समस्या के साथ
इस लेख के माध्यम से आप सभी को मैं जागृत करना चाहता हूं, आप सभी को मैं अवगत कराना चाहता हूं कि हमारे समाज पहले और आज में काफी बदलाव आ चुका है। आज भारत नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। हम सब नई दुनिया में प्रवेश कर रहे है। भारत नयी योजनाओं के साथ आगे आ रहा है। मेरा स्वयं का अनुभव है कि हम एक महान राष्ट्र का हिस्सा है,इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि मैंने इसमें जन्म लिया है। बल्कि इसलिए किसाड़ी अच्छाईया यही है ।
आगे क्या ?
वह बदलाव बनिये जो आप समाज में देखना चाहते हो। अब हमें एक साथ आकर, एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। हो सकता है कहीं ना कहीं हमारे विचारों मे मतभेद हो । हो सकता है हमारे विचार अलग हो । हमारे पसंद ना पसंद अलग हो सकते हैं लेकिन एक बात तो सही है कि हम सब एक ही देश के नागरिक हैं ।अब वक्त आ गया है एक होने का । अब वक्त आ गया है एक साथ आगे आने का। वक्त आ गया है एक साथ इस प्रगति पथ के सफर को जारी करने का । कई सालों तक हम सब बिखरे हुए थे। अलग-अलग रास्तों पर थे । अलग-अलग दिशा में काम कर रहे थे। कोरोना ने हमें जगाया एक कराया हम क्या क्या कर सकते है उससे अवगत कराया। कोरोना को जो करना था उसने कर दिय। ठीक है, जो हो गया वह हो गया है । लेकिन अब हमें एक साथ आना है एक दिशा में काम करना है एक योजना बना कर काम करना है । देश ने हमें बहुत कुछ दिया है अब हमारी बारी है लौटाने की।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता – आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता -माइंडसेट गुरु
मुंबई