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17 Feb 2020 · 1 min read

ई वी अम पर आज

आती है यह सोच कर, मुझे बहुत ही लाज !
ई वी अम पर आज क्यों, उठी नही आवाज !
उठी नही आवाज, डरे थे कल तक सारे !
करते थे जो शोर, निगोड़े डर के मारे !!
बेशर्मी की छाँव, हमेशा इन्हें सुहाती !
आई थी कब हया,आज जो इनको आती !
रमेश शर्मा

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