ईश्वर
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वक़्त से पहले बोले गए शब्द और मौसम से पहले तोड़े गए फल दोनों ही व्यर्थ होते है….,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हम जिनके झूठ का मान रख लेते हैं…वो समझते हैं कि हमें बेवक़ूफ़ बना दिया….,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अगर कमियां निकालने का शौक है तो….शौक जरूर पूरा कीजिये मगर शुरुआत खुद से कीजिये…,
आखिर में एक ही बात समझ आई की हम जहाँ प्रार्थना करते हैं…केवल वहीं ईश्वर नहीं होता…ईश्वर वहाँ भी होता है,जहाँ हम गुनाह करते हैं…….!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान