Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2021 · 2 min read

ईश्वर के नाम पत्र

हास्य-व्यंग्य
ईश्वर के नाम पत्र
****(****(****(
मानवीय मूल्यों का पूर्णतया अनुसरण करते हुए यह पत्र लिखने बैठा तो सोचा कि सच्चाई भी बताता चलूं। उससे भी पहले अपने स्वभाव की औपचारिक परंपरा का निर्वहन करते हुए पूरी तरह स्वार्थवश आपके चरणों में दिखावटी शीष भी झुका रहा हूँ, ताकि आप कुपित होकर भी मेरा अनिष्ट करने की सोचो भी मत।क्योंकि आप मानव तो हो नहीं, ये अलग बात है कि प्रभु जी आज भी पुरानी विचारधारा में मस्त हो।अरे अपने कथित महल /कुटिया /धाम से बाहर निकलिए, तब देखि कि दुनियां और हम मानव कहाँ तक पहुंच गये हैं,कितना विकास कर लिया है। मगर सबसे पहले एक मुफ्त की सलाह है कि बस अब लगे हाथ एक एंड्रॉयड मोबाइल ले ही लीजिए, बैठे सारी दुनियां का समाचार लीजिए, कुछ चैट शैट कीजिये, अपनी एक यूट्यब चैनल बनाइए, पलक क्षपकते ही किसी से बातें करिए।कारण कि अब पत्र लिखना भी छूट ही गया है,पोस्टकार्ड से भी कम कीमत में झट से बात करो,तनावों से बचो।यही हमारी सोच है।काश आपके पास ये सुविधा होती तो वीडियो काल से आपको यहां का सीधे नजारा दिखाता।
………….।ओह अब समझा आप परेशान क्यों हैं?
अरे प्रभु, ये क्या बात हुई आप सबकी खबर रखते हो,पर उनके जुगाड़ तंत्र को नहीं समझते।बस आप यमराज को अपनी इच्छा भर बताइये फिर देखिये मोबाइल के ढेर लग जायेंगे।मगर आप हैं कि बस…………।
और हाँ एक राज की बात भी कहनी है आपके पास मोबाइल भले नहीं है पर यमराज जी तो आये दिन नये नये महँगे मोबाइलों से खेल रहे हैं। तभी तो कोरोना में उनकी कार्य पद्धति एकदम बदली बदली सी दिखी। चैंटिंग में इतना मस्त रहने लगें है कि बस पूछो मत।
वैसे तो प्रभु ये इधरउधर की बातें करना अच्छा तो नहीं लगता पर क्या करूँ, मजबूर जो हूँ, आखिर आपका ही बनाया इंसान हूँ।
कोई बात नहीं प्रभु अब यमराज को आप ही सँभालना।वैसे यमराज की गिद्ध नजर हमारे आपके संबंधों पर है। फिर जब हम आपके सीधे संपर्क में हैं तो मेरा विचार है कि यमराज जी मेरा नुकसान करने से पहले आपकी मान प्रतिष्ठा का ख्याल तो जरूर रखेंगे।
………….सो गये क्या प्रभु?ये पत्र चीज ही ऐसी है कि हंसाती, रुलाती, सुलाती भी है।मतलब आप बोर हो रहे हैं।
कोई बात नहीं मैं ही यमराज से सीधे फोन पर बात कर लूँगा कि जब वे हमारे एरिया में आयें तो हमसे मिलकर जायें जिससे मैं आपके लिए सिम सहित मोबाइल भेज सकूँ अनलिमिटेड काल, डाटा की सुविधा के साथ।
बस प्रभु मुझे भी नींद आने लगी है।अब बंद करता हूँ अब तो फोन पर ही बात करुँगा।तब तक के लिए विदा।जय हो प्रभु ।मेरा कल्याण हो आपकी ओर से मेरे लिए फिलहाल इतना ही।
भविष्य में आपको होने वाली तमाम असुविधाओं के लिए हमें दिल से खेद है।
धरती पर आपका सबसे बड़ा शुभचिंतक
✍ सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित
06.08.2021

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1 Comment · 443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रात  जागती  है रात  भर।
रात जागती है रात भर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़म है,पर उतना ग़म थोड़ी है
ग़म है,पर उतना ग़म थोड़ी है
Keshav kishor Kumar
यदि आप नंगे है ,
यदि आप नंगे है ,
शेखर सिंह
#गम ही मेरा साया
#गम ही मेरा साया
Radheshyam Khatik
खोटा सिक्का....!?!
खोटा सिक्का....!?!
singh kunwar sarvendra vikram
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
कभी-कभी डर लगता है इस दुनिया से यहां कहने को तो सब अपने हैं
Annu Gurjar
" हुनर "
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
Life is beautiful when you accept your mistakes and make eve
Life is beautiful when you accept your mistakes and make eve
पूर्वार्थ
🌹हार कर भी जीत 🌹
🌹हार कर भी जीत 🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सोने का हिरण
सोने का हिरण
Shweta Soni
😢कड़वा सत्य😢
😢कड़वा सत्य😢
*प्रणय*
दोहा त्रयी. . . . शृंगार
दोहा त्रयी. . . . शृंगार
sushil sarna
*
*"सिद्धिदात्री माँ"*
Shashi kala vyas
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
Ankita Patel
तुझे भूलना इतना आसां नही है
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
"" *भारत* ""
सुनीलानंद महंत
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
Sonam Puneet Dubey
मंजिलें
मंजिलें
Mukesh Kumar Sonkar
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
*दर्शन करना है तो ठहरो, पथ में ठहराव जरूरी है (राधेश्यामी छं
*दर्शन करना है तो ठहरो, पथ में ठहराव जरूरी है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
ছায়া যুদ্ধ
ছায়া যুদ্ধ
Otteri Selvakumar
4819.*पूर्णिका*
4819.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल के कागज़ पर हमेशा ध्यान से लिखिए।
दिल के कागज़ पर हमेशा ध्यान से लिखिए।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कितनी बेचैनियां
कितनी बेचैनियां
Dr fauzia Naseem shad
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
Dr Archana Gupta
संस्कृति
संस्कृति
Abhijeet
पंचायती राज दिवस
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
हद
हद
Ajay Mishra
Loading...