“ईश्वर का वास” #50 शब्दों की कहानी#
अरे बहना हर साल भाई-बहन के प्रेम-स्नेह प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते हैं, फिर मेरा दिल कचोटता है, कैसी दरिंदगी करते हैं,चार माह की बच्ची के साथ नाइंसाफी, यह करने से पूर्व अंतरात्मा रूपी हाथ रोकते नहीं ?
सलोमी बोली यह आवाज़ जो सुने,उनमें ईश्वर का वास होता हैं भैया।