Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2022 · 1 min read

ईर्ष्या

आज के बच्चे कल के नेता
निश्चल जीवन वही विजेता
खेल -खिलंदड़,मौज-मस्ती
जीवन की असली पूंजी
सबसे अच्छी होती है यारो यह उम्र
रोटी की न चिंता ,न कोई फिकर
ईर्ष्या द्वेष ना भेदभाव यह जाने
बस प्यार की भाषा यह पहचाने
जीवन का अतुलित उपवन
नानी का घर और प्यारा बचपन
नैनों में सलोने सपने सजते
पंख खोल खूब उड़ते
मन में निश्छलता रहती आंखों में भरोसा
उम्र की कोई संख्या हो बचपन रहे हमेशा।

2 Likes · 112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिंदगी भी एक सांसों का रैन बसेरा है
जिंदगी भी एक सांसों का रैन बसेरा है
Neeraj Agarwal
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो  एक  है  नारी
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो एक है नारी
Anil Mishra Prahari
गीत
गीत
Shiva Awasthi
ये दूरियां मजबूरी नही,
ये दूरियां मजबूरी नही,
goutam shaw
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
मिट्टी का बदन हो गया है
मिट्टी का बदन हो गया है
Surinder blackpen
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
सत्य कुमार प्रेमी
भोली बिटिया
भोली बिटिया
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
मन मुकुर
मन मुकुर
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"प्रेम"
शेखर सिंह
करार दे
करार दे
SHAMA PARVEEN
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
डॉ.सीमा अग्रवाल
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
विनती
विनती
Dr. Upasana Pandey
"खुश रहिए"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
Vindhya Prakash Mishra
3547.💐 *पूर्णिका* 💐
3547.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
Suryakant Dwivedi
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
Jitendra kumar
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
Active रहने के बावजूद यदि कोई पत्र का जवाब नहीं देता तो वह म
DrLakshman Jha Parimal
पैसा होय न जेब में,
पैसा होय न जेब में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रुचि पूर्ण कार्य
रुचि पूर्ण कार्य
लक्ष्मी सिंह
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
चला मुरारी हीरो बनने ....
चला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
Loading...