ईमानदारी. . . . . लघुकथा
ईमानदारी ….
“अरे भोलू ! क्या हुआ तेरे पापा 4-5 दिन से दूध देने नहीं आ रहे ।”सविता ने भोलू के बेटे को दूध का भगोना देते हुए पूछा ।
“वो बीवी जी, पापा की साइकिल कुछ खराब हो गई इसलिए मैं दूध देने आ गया ।” भोलू के बेटे ने भगोने में दूध डालते हुए कहा ।
“अच्छा , अच्छा यह बता जब से तुम दूध दे रहे हो दूध इतना पतला क्यों है ? पापा तो दूध गाढ़ा लाते थे ।”
सविता ने कहा ।
“बीवी जी, यह साइकिल नहीं फटफटिया है । अगर दूध गाढ़ा बेचेंगे तो फटफटिया कैसे चलायेंगे ।” भोलू के बेटे ने हंसते हुए कहा और बाइक स्टार्ट करके चल दिया।
सविता देखती रह गई बइमानी भी कितनी ईमानदारी से करते हैं लोग ।
सुशील सरना / 20-1-24
मौलिक एवं अप्रकाशित